Home Remedies of Dengue Fever in Hindi |
Dengue Fever kya hai?
दोस्तों ! इस आर्टिकल के अंतर्गत हम आपको डेंगू के लक्षण, कारण और घरेलू उपाय (Home Remedies and symptoms of dengue fever in hindi) के बारे में बताने वाले हैं। इसके अतिरिक्त आप यहां dengue fever से बचने के उपाय की जानकारी भी प्राप्त करेंगे। treatment of dengue के अंतर्गत आने वाले विषय सूची कुछ इस तरह से हैं-
- डेंगू का बुखार क्या है? (What is dengue fever?)
- डेंगू बुखार प्रकार क्या हैं? (What are the types of dengue in Hindi?)
- डेंगू के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of dengue in Hindi?)
- डेंगू बुखार के कारण क्या हैं? (What are the causes of dengue in Hindi?)
- डेंगू में होने वाली परेशानी या मलेरिया के प्रभाव क्या हैं? (What are the efects of dengue in Hindi?)
- डेंगू का टेस्ट कैसे होता है? (How is dengue tested?)
- डेंगू के घरेलू उपाय क्या हैं? (What are the home treatment of dengue fever in Hindi?)
- डेंगू बुखार से राहत कैसे पाएं? (How to get relief from dengue Fever?)
- डेंगू की एलोपैथिक दवा क्या है? (Dengue allopathic medicine name)
- डेंगू के लिए आयुर्वेदिक दवा (Dengue homeopathic medicine)
- डेंगू से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न (Frequently asked questions (FAQs) related to dengue Fever)
1. डेंगू बुखार क्या है? (What is dengue fever?)
डेंगू के बुखार को आमतौर पर लोग हड्डी तोड़ बुखार के नाम से जानते हैं क्योंकि डेंगू होने पर शरीर में हड्डी के टूटने की तरह दर्द होता है। डेंगू एक फ्लू बीमारी होती है जो डेंगू के वायरस के कारण फैलती है। डेंगू उस वक्त होता है जब डेंगू के वायरस वाले मादा एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को जाकर काट लेते हैं। डेंगू रोग मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्र तथा उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है।
डेंगू के बुखार का पता पहली बार 1779 ईस्वी में चला था। आमतौर पर डेंगू के वायरस चार प्रकार के होते हैं। चार प्रकार के वायरस में से किसी एक प्रकार के वायरस के कारण भी डेंगू हो सकता है। इस वायरस को फैलाने के लिए किसी माध्यम की जरूरत नहीं पड़ती है एवं यह माध्यम साधारण तौर पर मच्छर होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाता है तो उस व्यक्ति के ठीक होने के बाद उसका शरीर डेंगू के वायरस के लिए एंटीबायोटिक का कार्य करता है जिस वजह से उस व्यक्ति के शरीर में डेंगू के वायरस के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है।
2. डेंगू बुखार के प्रकार क्या है? (What are the types of dengue in Hindi?)
डेंगू का वायरस चार प्रकार का होता है। यदि किसी व्यक्ति को इन चारों वायरस में से कोई एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाता है तो उसके पूरे जीवन में वह डेंगू के वायरस से सुरक्षित रहता है। बाकी के कुछ वायरस से वह कुछ समय के लिए सुरक्षित रह पाता है। इन तीनों वायरस में से किसी भी एक प्रकार का वायरस व्यक्ति को संक्रमित कर देता है तो उस व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो सकती है।
डीईएनवी-1
डीईएनवी-2
डीईएनवी-3
डीईएनवी-4
3. डेंगू बुखार के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of dengue fever in Hindi?)
Dengue symptoms |
डेंगू बुखार के लक्षणों के आधार पर डेंगू के घरेलू उपाय आसानी से किए जा सकते हैं परंतु इसके पहले यह जरूरी है कि डेंगू के लक्षण का पता लगाया जाए। आमतौर पर डेंगू के लक्षण सिर्फ देखने पर नहीं बल्कि अपने खून की जांच करवाने के बाद ही समझ में आते हैं। NS1 के मुताबिक डेंगू के बुखार के लक्षण के सामने आने पर शुरू के केवल 5 दिनों के अंदर ही डेंगू का टेस्ट करवा लेना चाहिए ताकि इसके सटीक सटीक परिणाम का पता चल सके। इस टेस्ट को करवाने से इसके गलत परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं। NS1 डेंगू बीमारी के टेस्ट को शुरुआती 5 दिनों के अंदर ही इस बीमारी का पता लगाने में समर्थ हो जाता है परंतु उसके बाद उसकी प्रमाणिकता संदेहास्पद मानी जाती है डेंगू होने पर रोगी को कुछ लक्षण महसूस होते हैं जैसे -
- डेंगू वायरस से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति में इसके लक्षण 13 से 14 दिनों के बाद ही देखने को मिलते हैं परंतु विशेषकर 4 या 7 दिनों में डेंगू के लक्षण हल्के हल्के दिखने शुरू हो जाते हैं।
- डेंगू वायरस का खून में फैलने के सिर्फ 1 घंटों में ही शरीर के संधियों (Joints) में दर्द की अनुभूति होने लगती है।
- डेंगू के बुखार से पीड़ित रोगी को 104 डिग्री तक का बुखार हो जाता है।
- चेहरे पर हल्के गुलाबी दाने का दिखना डेंगू के लक्षण है।
- आंखों में दर्द होना एवं लाल होना भी डेंगू के लक्षण में से एक है।
- ब्लड प्रेशर तथा हृदय की गति का तेजी से गिरना भी डेंगू के लक्षणों में से एक है।
- सिर दर्द, भूख न लगना, बुखार आना, एवं ठंड लगना इन सभी चीजों के साथ डेंगू की शुरुआत देखने को मिलती है।
- ये सभी लक्षण डेंगू बीमारी के पहले चरण में देखने को मिलते हैं। डेंगू के पहले चरण के यह लक्षण 4 दिनों तक चलते हैं।
- डेंगू के दूसरे चरण में शरीर का तापमान कम होने लगता है तथा अधिक पसीना आने लगता है। इस चरण में रोगी इस शरीर का तापमान समान होता है इसमें रोगी बेहतर महसूस करता है परंतु यह 1 दिन से ज्यादा नहीं रह पाता।
- डेंगू के तीसरे चरण में शरीर का तापमान पहले की तुलना में अधिक बढ़ने लगता है एवं पूरे शरीर में छोटे छोटे लाल दाने दिखने शुरू हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ें : मलेरिया से बचाव के घरेलू उपाय और उसके कारण, लक्षण
4. डेंगू बुखार के कारण क्या हैं? (What are the causes of dengue fever in Hindi?)
Foul smelling water |
डेंगू बुखार के रोग का कारण कई प्रकार के हो सकते हैं। डेंगू के कारणों के आधार पर ही इसकी चिकित्सक डेंगू बीमारी के लिए दवाइयों के सेवन की सलाह देते हैं। डेंगू चार प्रकार के होते हैं इसी के आधार पर चिकित्सक दवाइयों की सलाह देते हैं। यहां हम आपको डेंगू के कारणों से अवगत कराने वाले हैं। डेंगू के कारण निम्नलिखित है -
डेंगू बुखार एडीज इजिप्ट मच्छर के काटने के कारण फैलता है। मच्छर के काटने के करीबन 3 से 5 दिनों के बाद ही डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर को खत्म करना संभव तो नहीं है परंतु इसे कम किया जा सकता है। यह मच्छर घर में माहौल में भी जीवित रह जाते हैं। इस मच्छर के अंडे दिखाई नहीं पड़ते हैं जिस वजह से इसे मार पाना संभव नहीं होता है। पानी के संपर्क में आते ही इन मच्छरों के अंडे लार्वा में बदल जाते हैं और यह लार्वा एडल्ट होकर मच्छर का रूप ले लेते हैं।
- डेंगू पीड़ित क्षेत्र में रहना (Living in a dengue-prone area) : यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां एडिस मच्छरों का प्रकोप अत्यधिक है तो आपके डेंगू से संक्रमित होने की संभावना भी विशेष रुप से बढ़ जाती है।
- जगह जगह पर दुर्गंध जल का जमाव होना (Foul smelling water) : कई बार मोहल्ले या शहर में बारिश के वजह से जल का जमाव होने लगता है। इससे जल में दुर्गंध होने लगती है। ऐसे में डेंगू के मच्छर का प्रसार भी अधिक होता है। इससे डेंगू बीमारी फैलती है।
- पहले डेंगू संक्रमण होना (Prior infection) : जिन व्यक्तियों को यदि एक पर डेंगू वह चाहता है तो उनमें डेंगू के इस वायरल संक्रमण से प्रतिरक्षा क्षमता नहीं हो पाती है। ऐसे में यदि उस व्यक्ति को दोबारा डेंगू होता है तो उसकी स्थिति गंभीर हो जाती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना (Low immunity) : जिन व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है उन्हें भी डेंगू होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही साथ ह्रदय रोग फेफड़ों का रोग तथा मधुमेह से पीड़ित लोगों को भी डेंगू होने की संभावना बढ़ जाती है।
5. डेंगू में होने वाली परेशानी या मलेरिया के प्रभाव क्या हैं? (What are the effects of dengue in Hindi?)
- डेंगू में होने वाली परेशानी के कारण मरीजों को अधिक तेज बुखार हो जाता है।
- इस बीमारी में सिर के आगे की ओर तेज दर्द शुरू हो जाता है।
- इसमें आंखों के पीछे दर्द की अनुभूति होती है तथा आंखों के हिलने से दर्द में और अधिक तेजी होती जाती है।
- डेंगू बीमारी में मांसपेशियों तथा जोड़ों में अत्यधिक दर्द शुरू हो जाता है।
- डेंगू में व्यक्ति को भोजन में स्वाद का पता नहीं चलता है एवं साथ ही उसे भूख भी नहीं लगती है।
- डेंगू बीमारी में छाती तथा शरीर के ऊपरी अंगों में खसरे जैसे दाने निकल आते हैं।
- डेंगू में रोगी को चक्कर आना जी घबराना तथा उल्टी आने जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है।
इसे भी पढ़ें : गठिया बाई को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपचार
6. डेंगू फीवर का टेस्ट कैसे होता है? (How is dengue fever tested?)
Dengue Fever Test |
- डेंगू के लिए आमतौर पर रोगी के लक्षण और शारीरिक परीक्षण के आधार पर ही इसका टेस्ट किया जाता है। आपके डॉक्टर डेंगू बीमारी के लक्षणों का मूल्यांकन करने के बाद ही निम्नलिखित परीक्षणों का सुझाव देते हैं-
- पूर्ण रक्त गणना (Complete Blood Count ) : इस परीक्षण के जरिए चिकित्सक शरीर में मौजूद खून में प्लेटलेट काउंट का पता लगाते हैं। इन कोशिकाओं का काम होना यह जानकारी देता है कि आपके शरीर में डेंगू कितना गंभीर है।
- डेंगू एनएस1 एजी के लिए एलिसा टेस्ट (ELISA test for dengue NS1 Ag) : यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है जिसके कारण डेंगू वायरस एंटी जैन की जानकारी मिलती है। यह टेस्ट संक्रमण के प्रारंभिक चरणों के दौरान नकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में यदि किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण रहते हैं तो इस टेस्ट को से दोबारा करवाना चाहिए।
- पीसीआर टेस्ट (PCR for detecting viral DNA) : पीसीआर टेस्ट डेंगू का संक्रमण के 7 दिनों के पहले अधिक प्रभावी होता है। जब ns1 एजी टेस्ट का रिजल्ट किसी व्यक्ति में संक्रमण होने के बावजूद भी नेगेटिव ही देता है।
- सीरम आईजीएम और आईजीजी टेस्ट (Serum IgM and IgG test) : आमतौर पर यह टेस्ट सीरम आईजीजी तथा आईजीएम टेस्ट डेंगू के बाद की अवस्था की जानकारी लेने के लिए की जाती है। जब यह वायरस एक बार शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तब यह प्रतिरक्षा कोशिकाएं आईजी जी तथा आईजीएम एंटीबॉडी का निर्माण डेंगू के खिलाफ करना शुरू कर देती हैं। एंटीबॉडीज का स्तर धीरे-धीरे शरीर में बढ़ने लगता है।
इसे भी पढ़ें : म्यू वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?, खतरा, सम्पूर्ण जानकारी
7. डेंगू के घरेलू उपाय क्या हैं? (What are the home treatment of dengue fever in Hindi?)
आमतौर पर लोग डेंगू जैसी बीमारी के लिए सबसे पहले घरेलू उपायों का ही प्रयोग करने की कोशिश करते हैं जिससे वह घर पर ही आसानी से इस रोग से मुक्ति पा सके। आज हम आपको डेंगू बीमारी के घरेलू उपायों से अवगत कराने वाले हैं इसके अंतर्गत आप डेंगू बीमारी से बचाव करने में सक्षम हो पाएंगे। डेंगू बीमारी के रामबाण इलाज निम्नलिखित है -
1. डेंगू के बुखार के इलाज में गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in the treatment of dengue fever in hindi)
- बुखार के लिए गिलोय बहुत ही फायदेमंद जड़ी बूटी है।
- गिलोय किसी भी व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है तथा शरीर मैं मौजूद संक्रमण से भी रक्षा करने का कार्य करता है।
- गिलोय के तने को अच्छी तरह से कूदकर एवं उससे उबालकर उसका काढ़ा बनाकर सेवन करने से काफी लाभ मिलेगा।
- 5 से 6 तुलसी के पत्ते को 2 से 3 ग्राम गिलोय को पीसकर उसमें मिला दे तथा उससे एक ग्लास पानी में उबालकर काढ़ा बना ले और इस कार्य को मरीज को पिलाएं इससे लाभ मिलेगा।
2. डेंगू के इलाज में नीम का प्रयोग Use of neem in the treatment of dengue in hindi)
- नीम के पत्तों को पीसकर उसका रस पीने से सफेद दाग की कोशिकाओं तथा प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि होने लगती हैं।
- नीम शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सुधार करने का काम करते हैं।
3. डेंगू के उपचार में पपीता के फायदे (Benefits of papaya in the treatment of dengue in hindi)
- पपीता के पत्ते डेंगू के बुखार में काफी मददगार साबित होते हैं।
- पपीता में कार्बनिक यौगिक तथा पोषक तत्वों का मिश्रण पाया जाता है।
- ये शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने का काम करते हैं।
4. तुलसी का उपयोग डेंगू के बुखार में मददगार (Use of basil helps in dengue fever in hindi)
- तुलसी के पत्ते डेंगू के बुखार को ठीक करने में बहुत मददगार होते हैं।
- तुलसी के पत्ते शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालकर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करते हैं।
- एक गिलास पानी में 5 से 7 तुलसी के पत्तों को उबालकर उसका काढ़ा बना ले और उसमें हल्की सी एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर उसका सेवन करें इससे लाभ मिलेगा।
5. मेथी का उपयोग डेंगू के बुखार में लाभदायक (Use of fenugreek is beneficial in dengue fever in hindi)
- मेथी के पत्ते का उपयोग डेंगू के बुखार को कम कर देता है।
- साथी मेथी के पत्ते का उपयोग करने से शरीर के दर्द में भी आराम मिलता है।
- डेंगू बुखार के लक्षणों को समाप्त करने के लिए मेथी सबसे बेहतरीन उपचार है।
6. डेंगू के इलाज में संतरे के फायदे (Benefits of orange in the treatment of dengue in hindi)
- संतरे के रस में एंटीऑक्सीडेंट तथा विटामिन सी मौजूद होता है जो डेंगू के वायरस को नष्ट करने में मदद करता है।
- संतरे का रस प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करता है।
7. जौ के उपयोग से डेंगू का उपचार (Treatment of dengue using barley in hindi)
- जौ के उपयोग से डेंगू के इलाज में मदद मिलती हैं।
- जौ की घास रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को ठीक करने तथा शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है।
- डेंगू बुखार होने पर खून में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आती है इसलिए ऐसी स्थिति में जौ का सेवन लाभकारी होता है।
- जौ की घास से बना हुआ काढ़ा का सेवन करें या फिर आप सीधे जौ की घास को भी खा सकते हैं इससे भी फायदा मिलेगा।
8. नारियल पानी का सेवन डेंगू के बुखार में फायदेमंद (Consumption of coconut water is beneficial in dengue fever in hindi)
- नदियों का पानी डेंगू के बुखार को ठीक करने में मदद करता है।
- डेंगू के बुखार से राहत पाने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए।
- नारियल के पानी में मौजूद मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) यह सभी पोषक तत्व शरीर को मजबूत बनाने का काम करते हैं।
9. कद्दू का उपयोग डेंगू के बुखार में लाभकारी (Use of pumpkin is beneficial in dengue fever in hindi)
- कद्दू डेंगू के बुखार को ठीक करने में मदद करता है।
- पके हुए कद्दू को अच्छी तरह से पीसकर उसमें एक चम्मच शहद मिला कर इसका सेवन करें।
- ऐसा करने से जल्द ही डेंगू के बुखार से राहत मिलती है।
10. चुकंदर का सेवन डेंगू के बुखार में फायदेमंद (Consumption of beetroot is beneficial in dengue fever in hindi)
- चुकंदर के रस में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं।
- एक गिलास गाजर के रस में 2 से 3 चम्मच चुकंदर के रस को अच्छी तरह से मिलाएं और इसका सेवन करें।
- ऐसा करने से खून में प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि होती है।
11. एलोवेरा का उपयोग डेंगू के इलाज में लाभकारी (Use of aloe vera is beneficial in the treatment of dengue in hindi)
- दो से तीन चम्मच एलोवेरा के रस को पानी में मिलाकर रोजाना इसका सेवन करने से डेंगू के बुखार में राहत मिलता है।
- एलोवेरा के उपयोग से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
इसे भी पढ़ें : Nipah Virus के लक्षण और सावधानियां क्या हैं? तुरंत हो जाएं सावधान
8. डेंगू बुखार से राहत कैसे पाएं? (How to get relief from dengue Fever?)
Healthy foods in Dengue |
- डेंगू बीमारी में मरीज का गला तथा मुंह दोनो ही सूख जाता है इसी वजह से रोगी को जूस ताजा हरी सब्जियों का सूप तथा नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए।
- सभी चिकित्सक डेंगू से होने वाले बुखार तथा दर्द को नियंत्रण में करने के लिए पेरासिटामोल जो एक पेन किलर दवा है इसे खाने की सलाह देते हैं।
- आप अपने शरीर को हाइड्रेट रखकर डेंगू को अपने कंट्रोल में रख सकते हैं यह एक सबसे महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है।
- ऐसी स्थिति में आप को अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए।
- डेंगू के गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को सबसे पहले अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ती है।
- डेंगू बीमारी से अत्यधिक गंभीर होने पर रोगियों के नसों में इंट्रावेनस फ्लूइड यानी कि तरल पदार्थ या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दिया जाता है।
- कुछ मामलों में रोगियों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन तथा ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग के जरिए भी इलाज दिया जाता है।
- डेंगू बीमारी में आप स्वयं इबुप्रोफेन या एस्पीरिन जैसी दवाइयों का सेवन ना करें क्योंकि यह दवाइयां आपके रक्त स्राव के जोखिम को और अधिक बढा देंगे।
- मरीज को डेंगू बीमारी में नींबू पानी बनाकर उसका सेवन करना चाहिए क्योंकि नींबू का रस शरीर में मौजूद गंदगी को पेशाब के जरिए निकालता है तथा शरीर को स्वस्थ बनाता है।
- अदरक इलायची को हर्बल टी में डालकर पीने से बुखार में जल्द ही आराम मिल जाता है।
- डेंगू के लक्षण दिखाई पड़ने पर ताजा हरी सब्जियां जैसे खीरा गाजर तथा आने पत्तेदार सब्जियों का ताजा जूस बनाकर इसका सेवन करें। यह सभी सब्जियां खनिजों तथा विटामिन सी से भरपूर होती है जो रोगी के प्रतिरक्षा कोशिकाओं में वृद्धि करने में मदद करती है।
- डेंगू होने पर पेट की समस्या उत्पन्न होने लगती हैं इसलिए मसालेदार तथा ते युक्त भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- डेंगू के मरीज को दलिया का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें पोषक तत्व तथा उच्च फाइबर की मात्रा मौजूद होती है जो बीमारी से लड़ने में शक्ति प्रदान करती है।
- डेंगू के मरीजों को डेयरी उत्पादक तथा दूध आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में मौजूद होता है।
- डेंगू से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए क्योंकि पानी किसी भी बीमारी का सबसे असरदार इलाज होता है।
9. डेंगू बुखार में किससे परहेज करें? (What to avoid in dengue fever?)
Precautions in dengue fever |
- डेंगू जैसी बीमारी होने पर अधिक तेज बुखार का सामना करना पड़ता है साथ ही इसमें पेट की समस्या भी होती है। ऐसी स्थिति में जितना अधिक संभव हो सके हल्का एवं शुद्ध आहार का सेवन करना चाहिए।
- मच्छरों के समूह वाले इलाकों में कीटनाशकों का छिड़काव करना बेहद जरूरी है। हो सके तो ऐसे इलाकों में जाने से बचें।
- शाकाहारी भोजन को अत्यधिक प्राथमिकता मिलती हैं। शाकाहारी भोजन में सभी जरूरी तथा प्रोटीन युक्त पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिन्हें पहचानने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होती है। यह तत्व शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
- मांसाहार में ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो व्यक्ति के शरीर को बीमार बनाने का काम करते हैं इसलिए मांसाहार चीजों से हमेशा बचना चाहिए।
- गंदगी वाले इलाकों में हमेशा साफ सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि मच्छरों का बसेरा ना हो। साफ सुथरा जगह में गंदगी ना फैलाएं। इसके साथ ही वहां के लोग सुरक्षित रह सकें।
10. डेंगू की एलोपैथिक दवा क्या है? (Dengue allopathic medicine name)
डेंगू के लिए कोई विशेष खास दवा या फिर कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है। इसके बावजूद निम्नलिखित डेंगू एलोपैथिक मेडिसिन हैं -
- Acetaminophen (Paracetamol)
- Levofloxacin
- Platorich
11. डेंगू की आयुर्वेदिक दवा क्या है? (Dengue homeopathic medicine)
- Eupatorium Perfoliatum
- Gelsemium
- Bryonia
- Aconite, Belladonna
- Rhus toxicodendron
- Eupatorium perfoliatum
12. डेंगू से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न (Frequently asked questions (FAQs) related to dengue fever)
Dengue fever FAQs |
1. डेंगू हो जाए तो क्या करें ?
डेंगू होने पर अपने खान-पान तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखें, डेंगू से होने वाले लक्षणों को कम करने की कोशिश करें, साथ ही बाजार में मिलने वाले पेरासिटामोल दवाई का ही केवल सेवन करें इसके अलावा स्वयं किसी अन्य दवाई का सेवन करने से बचें।
2. डेंगू हो जाए तो क्या खाना चाहिए ?
डेंगू होने पर मरीजों को विशेषकर हरी सब्जियों का ताजा सूप, नारियल पानी, जूस, नींबू का रस, हर्बल टी, दलिया आदि का सेवन करना चाहिए।
3. डेंगू का बुखार कितने दिन तक रहता है ?
आमतौर पर डेंगू का बुखार 3 से 10 दिनों तक रहता है।
4. डेंगू बुखार में कौन सी दवा लेनी चाहिए ?
डेंगू के बुखार में चिकित्सक दर्द के लिए विशेष रूप से पेरासिटामोल दवा लेने की सलाह देते हैं साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि बिना चिकित्सक की सलाह के किसी भी दवाई का सेवन करने से बचें वरना आप की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती हैं।
5. डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
डेंगू होने पर शाकाहारी आहार जैसे जूस हरी सब्जियों का सूप नारियल पानी आदि का सेवन करें तथा मांसाहारी आहार खाने से बचें।
6. डेंगू की सबसे गंभीर अवस्था कौन सी है ?
डेंगू बुखार के ऐसे लक्षण बहुत कम देखने को मिलते हैं जो अचानक शुरू हो जाया करते हैं जैसे कि सिर दर्द जोड़ों में दर्द चकत्ते तथा मांस पेशियों में दर्द आदि। डेंगू बीमारी का उपनाम हड्डी तोड़ बुखार भी है जो यह दर्शाता है कि डेंगू का दर्द कितना अधिक गंभीर हो सकता है।
7. डेंगू बुखार की क्या पहचान है ?
डेंगू बुखार को पहचानने का सबसे खास लक्षण आंखों तथा सिर में तेज दर्द का होना है। कभी-कभी ना कथा आंख से खून आने के लक्षण भी दिख जाते हैं। स्किन पर छोटे छोटे लाल दाने निकलना भी इसके लक्षण है। डेंगू की सबसे खास पहचान होती है कि रोगी को बुखार के साथ बहुत अधिक कमजोरी महसूस होने लगती हैं।
8. डेंगू में कौन सा वायरस होता है ? (dengue mosquito name)
डेंगू वायरस से विशेष रूप से मादा एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है । यह मच्छर एडीजेटी प्रकार के मच्छर होते हैं।
9. डेंगू के मच्छर कहाँ पैदा होते हैं कुछ उदाहरण दीजिए ?
बरसात के मौसम में जगह जगह पर पानी भर जाते हैं जिस वजह से जुलाई से अक्टूबर के महीनों में डेंगू के मच्छर के पनपने की अनुकूल परिस्थितियां बन जाती है।
10. डेंगू के लिए कौन सा टेस्ट होता है ? सुझाव/राय दें
डेंगू की परिस्थिति में विशेष रूप से चिकित्सक ns1 टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं क्योंकि इस टेस्ट को डेंगू के शुरु के 5 दिनों में ही करवाया जाता है जबकि एलाइजा नामक कोई अन्य टेस्ट को करवाने में अधिक समय लग जाता है।
अस्वीकरण (Conclusion):
यहां डेंगू के घरेलू उपाय (treatment of dengue fever) से संबंधित सभी जानकारियां यहां शैक्षणिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए दी गई है। Dengue से संबंधित अधिक समस्या होने पर घरेलू उपायों के भरोसे ना रहें क्योंकि इससे स्वास्थ्य और भी बिगड़ सकता है। चिकित्सक की सलाह अवश्य लें क्योंकि हम डेंगू के घरेलू उपाय की जानकारी के लिए किसी भी प्रकार के जिम्मेदारी का दावा नहीं करते हैं।
दोस्तों हम आशा करते हैं कि हमारा यह पोस्ट डेंगू के घरेलू उपाय के अंतर्गत दी जाने वाली संपूर्ण जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। डेंगू जैसी बीमारी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को पढ़ने के बाद आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स के जरिए जरूर बताएं ताकि हम आपके लिए ऐसे ही अन्य पोस्ट लाते रहे।