Tips for toothache and gums problem |
1.पानी का करें अधिक उपयोग
पानी पीना तो स्वास्थ्य के लिए हितकारी होता ही है क्योंकि शरीर के विषैले तत्व पानी द्वारा यूरिन के और पसीने के रास्ते बाहर निकलते हैं तो आप को फिट रखने में सहायता करते हैं। इसी प्रकार अगर हम मुंह में पानी भरकर खूब तेजी से घूमएं और अब पानी को बाहर फेंक दे तो अपने आप मुंह से बैक्टेरिया बाहर निकल जाएंगे। दिन में चार से पांच बार ऐसा करें। इससे दांतों में फंसे कण बाहर निकल जाएंगे। दांत तो साफ रहेंगे ही सांस भी ताजी बनी रहेंगी।
2.चबाएं चुएंगम
दांतों की सेहत के लिए चुएंंगम चबाना अच्छा रहता है। इसके चबाने से मुंह में लार का भाव बढ़ता है जिससे कैविटी कम होती है। इसलिए जब आप कुछ नहीं खा रहे हैं या अगले 2 घंटों में भी कुछ नहीं खाना तो चिंगम को मुंह में रखकर धीरे-धीरे चबाएं और मुंह की गंदी-गंदी से भी छुटकारा पा सकते हैं।
3.हर खाने के बाद करें कुल्ला
कुछ भी खाए, उसके बाद कुल्ला करने की आदत बनाए ताकि खाने के कन आपके दांतों को नुकसान न पहुंचा सकें।ज्यादा देर तक चिपके कन मुंह से दुर्गंध भी पैदा करते हैं। कुल्ला करते समय पानी को मुंह में अच्छी तरह घूमाएं और फेंक दें। इसे दिन में दो से तीन बार करें। इस आदत से दांत भी साफ रहेंगे और आपकी सांसे भी ताजी रहेंगी।
4.अपने पास रखे छोटा डेंटल किट
बाहर खाना, खाना है या ऑफिस जाना है तो अपने पास छोटा टूथब्रश और माउथ फ्रेशनर रखने की आदत डालें।कभी नॉन वेज सलाद में प्याज आदि खाया हो तो दांतों को ब्रश करें और माउथ फ्रेशनर से कुल्ला कर ले दांत भी साथ रहेंगे और सांसे भी ताजी बनी रहेंगी।
5.दांतो की मजबूती के लिए घरेलू उपाय
कई साधारण से तरीके हैं जिसका हम अपने दांत की देखभाल के लिए कर सकते हैं। जिसमें सबसे बेहतरीन नीम का दातुन है, अगर हम नीम का दातुन का उपयोग करें तो वह हमारे दांतो की देखभाल के लिए कहीं ज्यादा लाभकारी होता है।नमक और तेल की मालिश से भी हम अपने दांतो की रक्षा अच्छी तरह से कर सकते हैं।
6.दांत के दर्द का हृदय रोग पर संबंध
दांत के दर्द और हृदय रोग का गहरा संबंध है।रिसर्च में पाया गया है कि दांत का दर्द हृदय रोग का कारण बनता है, national health and nutrition examination सर्वे की एक रिपोर्ट के मुताबिक मसूड़ों की बीमारी से दूसरी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है तो दांतो के दर्द से हम जितना अधिक सावधानी रखेंगे उतना ही हमारे लिए अच्छा होगा। क्योंकि हम जो भी खाना खाते हैं वह हमारे मसूड़ों और दांतों में फंस जाते हैं जिसके सड़क गलन से मुंह में बैक्टीरिया जमा हो जाता है फिर वही हमारे फेफड़ों में जाकर के गंभीर दिल की बीमारी को उत्पन्न करता है।
7.केमिकल वाले टूथपेस्ट से बचें
हम कुछ हद तक आयुर्वेदिक तरीकों से भी अपनी दातों की देखभाल कर सकते हैं खास करके हमें मार्केट में मिलने वाले केमिकल्स टूथपेस्ट से बचना चाहिए। एक तरह से हम खुद ही अपना देख भाल कर सकते हैं अन्यथा दांतो के दर्द की समस्या कहीं ज्यादा लोगों को होती ही है।बाजार में कई तरह के आपको chemical वाले टूथपेस्ट मिल जाते हैं लेकिन उनसे कहीं ज्यादा बचने की आवश्यकता होती है वह हमारे दांतो में कई ज्यादा नुकसान पैदा करते हैं। समय से पहले दांत गिर जाना, मसूड़ों में दर्द इस तरह के कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जो हमारे लिए काफी अधिक नुकसानदायक हो सकता है। जितना अधिक हो सके हमें नेचुरल प्रोडक्ट यूज करना चाहिए और प्रोडक्ट की क्वालिटी को जरूर जांच लेना चाहिए। ताकि आपको कोई नुकसान ना हो और आप जिस तरह के चमकते हुए दांत चाहते हैं और अपना स्वास्थ्य चाहते हैं आपको जरूर मिले।
Strong and healthy teeth |
1.हमारे चेहरे की आभा बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण स्थान हमारे दांत रखते हैं दातों की उपमा हमेशा मोतियों से की जाती है। स्वच्छ उज्जवल दूध से धुली दांत किसे आकर्षित नहीं करते? दातों से ही मुख की संपूर्ण सुंदरता है। परंतु देखा गया है कि आजकल लोगों में दातों के दर्द की शिकायतें दिन पर दिन घर पकड़ते जा रही है। दातों का समय से पहले गिरना, उसमें दर्द आना, उनका लाल- पीला हो जाना और बिना जाने कितनी दातों से संबंधित परेशानियां लोगों को बर्दाश्त करनी पड़ती है। उसका कारण है दातों का सही रूप से देखभाल न होना थोड़ा सा ध्यान दे कर उसके लिए आवश्यक है।और तो लोगों को अक्सर दातों की शिकायत रहती है।
2.यदा-कदा सरसों के तेल और नमक को मिलाकर उससे दांत साफ करें इससे दांतों की मालिश होगी और दातों में सदा मजबूती को प्राप्त करेंगे।
3.अधिक गर्म- ठंडी खाने-पीने से परहेज करें क्योंकि किसी भी चीज की अधिकता दांतो को कमजोर बनाती है।
4.खाना-पीना धीरे-धीरे चबा चबाकर करें ताकि धातुओं मसूड़ों की सही कसरत हो सके।
5.जहां तक हो सके फलाहार वसा का हल्ले दूध व जल इत्यादि का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करें और दातों को मजबूती दे।
6.पान, जर्दा, मसाले की इत्यादि से दूर रहें क्योंकि ये न सिर्फ बातों को गंदा बनाते हैं बल्कि कई रोगों को भी आमंत्रित करते हैं।
7.खानपान के बाद मुंह व मसूड़ों की सफाई की आदत डालिए। दातों में फंसे अन कन भी दातों को तकलीफ पहुंचाते हैं।
8.जहां तक हो सके दांतो को साफ करने के लिए प्राकृतिक चीजों, दातुन इत्यादि का ही प्रयोग करें।
जीवन में एक अच्छा स्वास्थ्य बहुत अधिक मायने रखता है। केवल जरूरी होती है तो अपनी जिंदगी में स्वास्थ्य से संबंधित अनुशासन को मानना अगर आप ऊपर दिए गए सभी बातों को ध्यान रखते है तो कभी भी दांतो के रोगों से पीड़ित नहीं होंगे और कुदरत के इस बेहतरीन तोफे को खराब होने से बजाया जा सकता है।
Excellent
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